करोड़ों की कर चोरी में रडार पर यूपी के 10 ट्रांसपोर्टर

सूबे में 10 ट्रांसपोर्टर बड़े पैमाने पर कर चोरी में लगे हैं। इनकी बदौलत व्यापारी विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान भी पहुंचा चुके हैं। इसका खुलासा वाणिज्य कर विभाग के अफसरों की जांच में हुआ है। वाहन चालक और व्यापारियों ने माल लाने और ले जाने में करोड़ों रुपये की कर चोरी की है। इसे देखते हुए ट्रांसपोर्ट से जुड़े वाहनों की सघन जांच के निर्देश आला अधिकारियों ने दिए हैं। हालांकि अधिकारियों ने इन ट्रांसपोर्टरों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
वाणिज्य कर विभाग का सचल दस्ता हर महीने सैकड़ों वाहनों की जांच करता है। सचल दस्ते की कार्रवाई में अब तक 90 वाहन कर चोरी में पकड़े गए हैं। इनसे 8 करोड़ रुपये से अधिक का माल भी बरामद हुआ है, जो चोरी से ले जाया जा रहा था। सचल दस्ते को निर्देश होते हैं कि कोई भी वाहन चालक माल को बिना ई-वे बिल और वैध दस्तावेज के दूसरे स्थान तक नहीं पहुंचने पाए। वाहन किस ट्रांसपोर्ट यूनिट से जुड़े हैं, इस पर भी विशेष निगाह होती है। अब वाणिज्य कर विभाग ने एक अप्रैल 2019 से 18 फरवरी 2020 तक के रिकॉर्ड की पड़ताल की है। इसमें 10 ट्रांसपोर्टर ऐसे मिले, जो वाहनों से लगातार कर चोरी कर माल ले जा रहे हैं। विभागीय स्तर से सभी ट्रांसपोर्टरों को चिह्नित कर लिया गया है। सभी ट्रांसपोर्टर उत्तरप्रदेश से जुड़े बताये गए हैं। विभागीय अपर आयुक्त ने ट्रांसपोर्टरों पर बारीकी से नजर बनाए रखने के लिए गौतमबुद्ध नगर के बॉर्डर और अन्य वैकल्पिक रास्तों पर तैनात रहने को कहा है।
10 ट्रांसपोर्टर कर चोरी में शामिल मिले हैं। सभी की कुंडली खंगाली जा रही है। जल्द ही बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- धर्मेंद्र सिंह, अपर आयुक्त, वाणिज्य कर विभाग